"मुझे हेल्थ इन्शुरन्स प्लान की आवश्यकता नहीं है"
अगर आपको ऐसा लगता है, तो इन पहलुओं पर ध्यान दें।
नगरों में बढ़ते प्रदूषण से श्वांस-सम्बंधी बीमारियों में वृद्धि हो रही है।
61% लोग अपनी सुस्त या अव्यवस्तित जीवनशैली के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं।
युवाओं में कैंसर रोगियों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
चिकित्सकीय क्षेत्र में मुद्रास्फीति उपचार को महँगा और पहुँच के बाहर बना रही है।
भारत में मानसिक बीमारियाँ बहुत तेजी से बढ़ रही हैं।
अन्य बीमारियों की अपेक्षा हृदय के रोगों ने भारत में बहुत सारी जाने ली हैं।
डिजिट हेल्थ इन्शुरन्स की विशेषतायें और लाभ
आसान ऑनलाइन प्रक्रिया - हेल्थ इन्शुरन्स खरीदने से लेकर क्लेम करने तक की पूरी प्रक्रिया आसान, पेपरलेस, जल्दी पूरी होने वाली और परेशानी-रहित हैं। हम आपसे क्लेम के लिए तक कोई हार्ड कॉपी नहीं मंगाते हैं!
अतिरिक्त इन्शुरन्स राशि - विशेषकर, आकस्मिक एक्सीडेंट के कारण अस्पताल में भर्ती होने पर और क्रिटिकल इलनेस के लिए हमारी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी आपको शून्य लागत पर अतिरिक्त बिमा राशि देगी |
महामारी के लिए कवर - हम जानते हैं की लोग कोरोना वायरस के वजह से डरे हुए हैं इसलिए हम उसको भी कवर करते हैं |
आपकी आयु के अनुसार कोई को-पेमेंट नहीं - हमारी सभी योजनाओं में आपकी आयु के अनुसार कोई को-पेमेंट नहीं है। इसका अर्थ है कि अपने हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी क्लेम के समय आपको अपनी जेब से कुछ भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
रूम रेंट पर कोई प्रतिबंध नहीं - सबकी पसंद अलग-अलग होती हैं और हम यह समझते हैं। और इसीलिए, अस्पताल में कमरे के किराये पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाते। आप अपना मनचाहा कमरा बुक करते सकते हैं।
दुगनी सुनिश्चित बीमित राशि - अगर आप अपनी सुनिश्चित बीमा राशि एक बार क्लेम कर चुके हैं और दुर्भाग्य से उसी वर्ष में आपको दोबारा आवश्यकता पड़ती है, तो हम आपके लिए इसे फिर से उपलब्ध कराएँगे।
क्युमुलेटिव बोनस - स्वस्थ रहने के लिए और कोई क्लेम ना करने पर आपको वार्षिक क्युमुलेटिव बोनस दिया जाएगा।
किसी भी अस्पताल में उपचार करवाएँ - भारत में हम 6400+ अस्पतालों से जुड़े हैं और इनमें से किसी भी अस्पताल में आप कैशलेस क्लेम कर सकते हैं। अन्यथा आप री-इम्बर्समेन्ट की सुविधा पाकर अन्य अस्पतालों में भी उपचार करा सकते हैं।
सभी आयु वर्ग के लोगो के लिए कस्टमाइज्ड हेल्थ इन्शुरन्स
हमारे हेल्थ इन्शुरन्स में क्या-क्या कवर किया गया है?
स्मार्ट विकल्प | कम्फर्ट विकल्प |
मुख्य फीचर्स |
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अस्पताल में भर्ती होने पर होने वाले खर्चे, कोरोना वायरस भी कवर हैंये कवर आपके सभी तरह के हॉस्पिटल ख़र्चे को कवर करता है - चाहे वो दुर्घटना के कारण हो, आम बीमारी के कारण हो या किसी गम्भीर बीमारी के कारण। इसको आपकी बीमा राशि की सीमा तक हर बार, भर्ती होने पर उपचार के खर्चे के लिए प्रयोग किया जा सकता है। |
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अतिरिक्त बीमा राशि - क्रिटिकल इलनेस के लिए हॉस्पिटलिजेशनये एक अतिरिक्त कवर है जो कि किसी भी क्रिटिकल इलनेस के इलाज़ के समय उपयोग किया जा सकता है। (उदाहरण के लिए- किडनी फेल होने पर, कैंसर, लीवर फेल, ब्रेन ट्यूमर आदि) हालाँकि ये सिर्फ़ तभी इस्तेमाल किया जा सकता है, जब आपके बीमा कवर की सीमा ख़त्म हो चुकी हो। |
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अतिरिक्त बीमा राशि - एक्सीडेंटल हॉस्पिटलिजेशनइस कवर का इस्तेमाल किसी आकस्मिक दुर्घटना के समय इलाज़ के लिए किया जा सकता है, जब आपके कवर की सारी सीमा ख़त्म हो चुकी हो। |
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डे-केयर प्रक्रियाएँहेल्थ इन्शुरन्स साधारणतः 24 घण्टे से अधिक समय के लिए भर्ती होने पर ही सारे मेडिकल के ख़र्चे का कवर दे देता है। परंतु ये कवर हॉस्पिटल में तकनीक के विकास के कारण 24 घण्टे से कम समय में हुए उपचार के लिए दिया जाता है। |
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आपकी आयु के अनुसार कोई को-पेमेंट नहींहेल्थ इन्शुरन्स को क्लेम करने के लिए आपको कुछ पैसे अपनी जेब से भी देना पड़ता है, जिसे को-पेमेंट कहते हैं। लेकिन हमारे हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में कोई भी को-पेमेंट नहीं देना पड़ता है। |
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क्युमुलेटिव बोनसअगर आप साल भर कोई भी क्लेम नहीं करते हैं तो आपको हमारी तऱफ से बीमा राशि के अनुरूप बिना किसी प्रीमियम राशि को बढ़ाये रिवॉर्ड भी दिया जाता है। आपकी बीमा राशि को बढ़ाये जाने को 'क्युमुलेटिव बोनस' कहा जाता है। |
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बीमित राशि को पुनः रिफिल करेकई बार ऐसा होता है कि आपने किसी दुर्घटना या गम्भीर बीमारी के चलते अपनी सारी बीमा राशि का इस्तेमाल कर लिया होता है। यह इस कारण से भी हो सकता है क्योंकि कई बार एक बीमित राशि को ही परिवार के कई सदस्य प्रयोग में ले रहे होते हैं। ऐसे में हम आपके पॉलिसी पीरियड में ही आपको बीमा राशि को दोबारा से भरने की सहूलियत देते हैं। |
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कमरे के किराये पर कोई प्रतिबन्ध नहींजिस तरह से किसी होटल के कमरों को उनकी श्रेणी के अनुसार अलग-अलग किराए पर उठाया जाता है, वैसे ही अस्तपाल के कमरों का किराया भी भिन्न-भिन्न हो सकता है। हमारे इन्शुरन्स प्लान लेने पर आप पर अस्पताल में कमरे चुनने पर कोई रोक-टोक नहीं है - बस यह आपकी बीमा राशि के अंदर ही होना चाहिए। |
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स्टैण्डर्ड फीचर्स |
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रोड एम्बुलेंस के खर्चे |
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आईसीयू रूम का खर्चाआई सी यू (इंटेंसिव केयर यूनिट) गम्भीर रोग से ग्रस्त मरीज़ के लिए होता है। आइक्यू में मरीज़ों की केयर ज्यादा की जाती है, इसी वज़ह से इसका किराया भी ज्यादा होता है। डिजिट आपकी बीमा राशि के भीतर तक इस किराए पर कोई भी सीमा तय नहीं करता है। |
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मुफ्त स्वास्थ्य जाँच सुविधायेंआपके उत्तम स्वास्थ्य व स्वास्थ्य की उचित जानकारी रखने के लिए वार्षिक स्वास्थ्य जाँच बहुत जरूरी है। यह सुविधा आपके रिन्यूअल पर मिलने वाले लाभ की तरह है जो साल भर आपको किसी भी डॉक्टर के पास जाकर टेस्ट तथा चेकअप कराने में सक्षम करती है और इस पर होने वाले खर्चे को भी बचाती है। |
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अंगदाता के खर्चेकिसी भी अंग के ट्रांसप्लांट के समय अगर अंगदाता के भर्ती, उपचार वा दवाओं का खर्च होता है तो वो भी हमारे द्वारा दिया जाता है। हालाँकि अंग दाता को खोजने में आने वाले ख़र्च को नहीं दिया जाता है। |
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प्रतिदिन अस्पताल में खर्चे के लिए नकदअस्पताल में भर्ती होने के बाद हॉस्पिटल के बिलों के अतिरिक्त भी कुछ खर्चे हो जाते हैं। डिजिट आपकी इस समस्या को भी अच्छे से समझता है और आपके प्रतिदिन के व्यय जैसे कि नाश्ता, चाय, कॉफी और अन्य खर्चों का भी भुगतान करता है। ये लाभ आपको हॉस्पिटल में पहुँचने के पहले दिन से शुरू होकर 30 दिनों तक दिया जाता है। |
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घर पर ही उपचार करवाने की सुविधाअगर किसी विशेष परिस्थिति में आपके माता-पिता को घर पर रहकर उपचार कराने की जरूरत है, तो आपके लिए ये कवर बहुत फायदेमंद है। |
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हॉस्पिटलिजेशन के बाद का खर्च (एकमुश्त)इस लाभ का इस्तेमाल आप हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद दवा पर आने वाले खर्च के लिए कर सकते हैं। इसके लिए किसी भी बिल को जरुरत नहीं है। इसके भुगतान के लिए आप स्टैंडर्ड पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन लाभ का इस्तेमाल कर सकते हैं। |
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मनोचिकित्सकीय उपचार के लिए कवरअगर किसी मानसिक आघात के कारण आपको मनोचिकित्सा की आवश्यकता पड़ रही है तो डिजिट के प्लान से आप इसके उपचार के व्यय को भी कवर करा सकते हैं। हालाँकि, इसके अंतर्गतओपीडी कंसल्टेंट का शुल्क का कवर नहीं दिया जाता है। |
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बरिएट्रिक सर्जरीयह कवर उनके लिए है जो कि मोटापे के कारण से ऑर्गेन को फेस कर रहे हैं (बीएमआई > 35)। हालाँकि अगर ये मोटापा ओवर-ईटिंग, वंशानुगत कारणों या अन्य उपचार द्वारा ठीक किए जा सकने वाले कारणों से है तो इस सर्जरी के खर्चे का कवर नहीं दिया जाता है। |
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अतिरिक्त कवर |
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मातृत्व-सम्बन्धी लाभ एवम् नवजात शिशु के लिए कवरअगर आप आने वाले 2 सालों में बच्चे का विचार बना रहे हैं तो आप इसका लाभ उठा सकते हैं। ये बच्चे की डिलीवरी (जरूरी मेडिकल खर्चे) के समय के कवर देता है। साथ ही, जन्म लिए बच्चे के शुरुआती 90 दिनों तक की देखभाल के व्यय को भी कवर देता है। |
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वैकल्पिक उपचार (आयुष)अगर आपके माता-पिता किसी विशेष चिकित्सीय पद्धति जैसे कि आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा या होम्योपैथी आदि से अपना उपचार करवाना चाहते हैं, तो हम वह भी कवर करते हैं। |
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जोन अपग्रेडप्रत्येक शहर ए, बी या सी में से किसी ना किसी श्रेणी के अंतर्गत आता है। जोन ए में दिल्ली और मुम्बई जैसे शहर आते हैं। जोन बी में बैंगलोर, हैदराबाद और कोलकाता जैसे शहर आते हैं। जोन को मेडिकल ख़र्चे के अनुरूप विभाजित किया गया है। जोन ए वाले शहरों में मेडिकल उपचार का खर्च अधिक आता है, इस वजह से इन शहरों में इलाज के लिए हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी की ओर से अधिक राशि का भुगतान किया जाता है। ऐसे में आप जिस शहर में रहते हैं अगर वहाँ से बड़े किसी शहर में जाकर उपचार करवाना चाहते हैं, तो आप अपने प्लान को अपग्रेड करवा सकते हैं। |
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क्या-क्या कवर नहीं है?
गर्भावस्था के दौरान और बच्चे की डिलीवरी के बाद के सभी खर्चे, जब तक की इन्शुरन्स धारक को हॉस्पिटल ना ले जाया गया हो, हमारे प्लान में शामिल नहीं हैं।
यदि बीमाधारक को कोई बीमारी पहले से ही है, तो वेटिंग पीरियड खत्म होने तक उस बीमारी के लिए क्लेम नहीं किया जा सकता।
किसी भी स्थिति में अगर आप बिना डॉक्टर की सलाह के हॉस्पिटल में भर्ती होते हैं, तो इसके लिए क्लेम नहीं किया जा सकता है।
क्लेम कैसे करें?
भुगतान के लिए क्लेम - इस स्थिति में आप हॉस्पिटल पहुँचने के दो दिन के भीतर 1800-258-4242 पर कॉल करें या फिर healthclaims@godigit.com पर हमें ईमेल करें। प्रत्युत्तर में हम आपको एक लिंक भेजेंगे जिसके माध्यम से आप अपने सभी हॉस्पिटल बिल और अन्य डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं। इसके बाद हमारी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी द्वारा आपके भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।
कैशलेश क्लेम - इसके लिए आपको डिजिट से जुड़े हॉस्पिटल में ही उपचार कराना होगा। हॉस्पिटल में आप ई-हेल्थ कार्ड दिखाकर सीधे ही कैशलेश क्लेम के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद आपका कैशलेश भुगतान सीधे हॉस्पिटल को ही कर दिया जाता है।
अगर आपने कोरोना वायरस के लिए क्लेम किया हैं तो आई सी एम आर - नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी के द्वारा अधिकृत सेंटर की पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट देनी पड़ेगी |
डिजिट हेल्थ इन्शुरन्स के मुख्य लाभ
को-पेमेंट | आपकी आयु के अनुसार कोई को-पेमेंट नहीं |
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कैशलेस हॉस्पिटल | पूरे भारत में 6400+ कैशलेस हॉस्पिटल, यानी कि कैशलेस हेल्थ इन्शुरन्स की सुविधा |
क्युमुलेटिव बोनस | आपके पहले क्लेम-फ्री वर्ष के लिए 20% अतिरिक्त बीमित राशि को जोड़ दिया जाएगा |
बीमा राशि | गंभीर बीमारियों व एक्सीडेंट के लिए भर्ती होने पर अतिरिक्त बीमित राशि |
रूम रेंट पर प्रतिबन्ध | हॉस्पिटल में कमरे के चयन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं। कोई भी कमरा चुनें। |
क्लेम प्रक्रिया डिजिटल | किसी हार्ड कॉपी की आवश्यकता नहीं! |
आपको हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी क्यों लेनी चाहिए?
हेल्थ इन्शुरन्स के बारें में और जानें
हेल्थ इन्शुरन्स द्वारा दिये जाने वाले कवरेज की डिटेल
क. सुनिश्चित बीमा राशि: 2 लाख | 3 लाख | 4 लाख | 5 लाख | 10 लाख | 15 लाख | 20 लाख | 25 लाख
ख. योजना लाभ
- बीमारी में हॉस्पिटल जाने पर: बीमित राशि तक
- क्रिटिकल इलनेस के लिए हॉस्पिटलिजेशन - अतिरिक्त बीमा राशि
- एक्सीडेंटल हॉस्पिटलिजेशन - अतिरिक्त बीमा राशि
- को-पेमेंट - आपकी आयु के अनुसार कोई को-पेमेंट नहीं
- घर पर भर्ती व उपचार सुविधायें (सिर्फ वृद्धजनों के लिए) - बीमीत राशि तक
- हॉस्पिटल में कमरे के किराए पर प्रतिबंध - कमरे के किराए पर कोई प्रतिबन्ध नहीं
- अस्पताल में उपचार के बाद के लिए एकमुश्त खर्च - स्वीकृत क्लेम राशि का 3% तक
- वार्षिक जाँच: बीमा राशि का 0.25%
- अस्पताल में खर्च के लिए कैश - 500 रुपये (प्रतिदिन)
- एम्बुलेंस कवर: बीमा राशि का 1%
- ICU रूम का किराया: बीमा राशि तक
- मनोचिकित्सा में लाभ: बीमा राशि का 5% से 20% (चुने गये प्लान के अनुसार)
- बैरिएट्रिक सर्ज़री: बीमा राशि का 5% से 100% (चुने गये प्लान के अनुसार)
- बीमा राशि को वापस से रिफिल करना: साल में एक बार, किसी असम्बद्धित बीमारी के लिए (सिर्फ़ कम्फर्ट विकल्प के लिए)
- अंग दान के ख़र्च में: सिर्फ़ कम्फर्ट विकल्प में उपलब्ध
घ. अतिरिक्त कवर
- मातृत्व लाभ (2 बच्चों तक) और नवजात शिशु के लिए कवर: बीमा राशि का 10%
- ज़ोन अपग्रेड कवर
- आयुष योजना के लाभ (सिर्फ़ वृद्धजनों के लिए)
ग. वेटिंग पीरियड
- क्रिटिकल इलनेस: 30 दिन
- किसी दुर्घटना में अचानक घायल होने पर: कोई प्रतीक्षा नहीं
- मातृत्व लाभ: 24 महीने
- बैरिएट्रिक सर्ज़री: 48 महीने
- अन्य लाभ: 30 दिन
हेल्थ इन्शुरन्स क्या है?
ये आपके उस सच्चे दोस्त की तरह है जो कि हर मुश्किल परिस्थिति में आपके साथ खड़ा रहता है। बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान या मेडिकल इन्शुरन्स आपका वो दोस्त है जो किसी भी बीमारी या दुर्घटना के समय आपके लिए आर्थिक मदद लिए खड़ा रहता है।
हेल्थ इन्शुरन्स आपको हॉस्पिटल में पहुँचने से पहले से लेकर हॉस्पिटल से निकलने के बाद (दुर्घटना या बीमारी से संबंधित) तक आर्थिक मदद देने का वादा करता है। इसके साथ ही इसके द्वारा आपको वार्षिक स्वास्थ्य जाँच, गम्भीर बीमारी के इलाज और मैटर्निटी के समय होने वाले खर्चें में भी आपके द्वारा चुने गए हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स के अनुसार सहयोग दिया जाता है।
कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स के बारे में और अधिक जाने!
हेल्थ इन्शुरन्स के क्या लाभ हैं?
यहाँ पर अगर ये पूछा जाता की हेल्थ इन्शुरन्स के नुक़सान क्या हैं, तो इसका उत्तर बहुत छोटा होता। लेकिन अगर बात की जाए हेल्थ इन्शुरन्स के लाभ की तो ये लिस्ट बहुत लम्बी हो सकती है।ऐसे में यहाँ पर हम आपको मेडिकल हेल्थ इन्शुरन्स के पाँच मुख्य लाभ बताने वाले हैं:
- आपके और आपके परिवार के ऊपर आने वाली विपरीत परिस्थितियों के समय में आपकी सेविंग्स को बचा कर रखता है।
- यदि आप युवा हैं या सीनियर सिटीजन हैं, हेल्थ इन्शुरन्स लेके आप इनकम टैक्स में बचत का लाभ पा सकते हैं
- हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी में मिलने वाली वार्षिक स्वास्थ्य जाँच के माध्यम से खुद को भविष्य में होने वाली गम्भीर बीमारियों से बचाकर रखें।
- बीमारी के समय पैसे की चिंता छोड़कर, खुद का सर्वोत्तम इलाज़ करवाएं।
- आज के समय में कैंसर और हार्ट संबंधी बीमारियों के चपेट में काफ़ी जवान लोग यानी जिनकी उम्र 40 साल से कम है, वो भी आ रहे हैं। मेडिकल हेल्थ इन्शुरन्स आपको ऐसी गम्भीर बीमारियों से लड़ने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करता है।
मुझे ऑनलाइन हेल्थ इन्शुरन्स क्यों खरीदना चाहिए?
ऑनलाइन हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने से ना सिर्फ़ आप अपने समय की बचत करते हैं, बल्कि इसके माध्यम से विभिन्न हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी की आपस में तुलना कर के खुद के लिए बेहतर हेल्थ इन्शुरन्स का चुनाव भी कर पाते हैं। सबसे बड़ी बात, इसके लिए आपको कहीं भटकने और किसी से मिलने की जरुरत नहीं है। आप आराम से घर बैठकर खुद के लिए बेहतर प्लान का चुनाव कर सकते हैं।
ऑनलाइन हेल्थ इन्शुरन्स प्लान नॉर्मल हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स से सस्ते भी होते हैं क्योंकि इसमें कोई मीडिएटर काम नहीं करता है। आप सीधे ही खुद के लिए बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी द्वारा खरीद सकते हैं। साथ ही इन्हें अपनी सुविधा के अनुसार कस्टमाइज़ भी कर सकते हैं।
हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी ख़रीदते समय हमें क्या देखना चाहिए?
किसी भी मेडिकल हेल्थ इन्शुरन्स प्लान को ख़रीदने का सिर्फ़ एक ही मकसद होता है, वो है बीमारी या इमरजेंसी के समय आपको बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ कम से कम ख़र्च में सुलभ हो सकें। ऐसे में किसी भी प्लान को लेते समय आपको उसके कवरेज़ और दिए जाने वाले लाभ को ज़रूर ध्यान में रखना चाहिए।
इस बात पर ध्यान दें कि आपका हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी क्या-क्या कवर करता है (हेल्थ चेकअप से लेकर, डायग्नोसिस, सर्ज़री, मैटर्निटी आदि)।
इसके साथ ही हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी द्वारा आपको और क्या-क्या सुविधाएँ दी जा रही है इस पर भी ध्यान दें। जैसे कि उस कंपनी द्वारा कितने हॉस्पिटलों में सुविधा प्रदान की जा रही है, उनकी क्लेम प्रक्रिया कैसी है, ओपीडी खर्चे कवर हैं या नहीं, मिलने वाला कैश कितना है इत्यादि।
हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स की तुलना करें।
हेल्थ इन्शुरन्स प्लान को ऑनलाइन माध्यम से ख़रीदने का एक सबसे बड़ा लाभ ये है कि आप विभिन्न हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स की आपस मे आसानी से एक ही प्लेटफॉर्म पर तुलना कर सकते हैं।
खुद के लिए बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान लेने के लिए आपको निम्न बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए:
- कवरेज़ डिटेल: मेडिकल हेल्थ इन्शुरन्स लेते समय सबसे पहले कवरेज़ डिटेल देखनी चाहिए। यानी कि आप इन्शुरन्स प्लान को ख़रीदने के लिए कितना ख़र्च कर रहे हैं? और इसके बदले में आपको कितना लाभ दिया जा रहा है? इस बात पर जरूर ध्यान दें।
- सर्विस लाभ: कई हेल्थ इन्शुरन्स प्लान आपको साधारण कवरेज़ देंगे, लेकिन उनका सर्विस लाभ काफ़ी अच्छा होता है। वहीं दूसरे हेल्थ इन्शुरन्स देने वाले आपको कवरेज़ तो काफ़ी बेहतर देंगे, लेकिन उनकी सर्विस ज्यादा अच्छी नहीं होती है। ऐसे में आप खुद के अनुरूप जो बेहतर है उसे चुने और उसी कंपनी की हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी लें जो आपको सूट करती हो।
- हॉस्पिटल नेटवर्क: प्रत्येक मेडिकल हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी का विभिन्न हॉस्पिटल्स के साथ कॉन्ट्रैक्ट होता है। जहाँ पर जाकर आप आसानी से खुद के हेल्थ इन्शुरन्स को क्लेम कर के इलाज़ करवा सकते हैं। ऐसे में आप जिस भी कंपनी का हेल्थ इन्शुरन्स ले, उनसे जुड़े हॉस्पिटल की लिस्ट पर जरूर नज़र डाल लें। इसके बाद ही खुद के लिए बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान को चुनें।
- क्लेम के प्रकार: हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में आपको दो तरह से क्लेम की सुविधा दी जाती है। पहला कैशलेस क्लेम और दूसरा भुगतान। कैशलेश क्लेम आपके लिए ज़्यादा आसान और फायदेमंद होता है। ऐसे में हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी लेते समय ये भी सुनिश्चित कर लें कि कंपनी कैशलेश कलेमिंग की सुविधा दे रही है या नहीं?
- हेल्थ इन्शुरन्स प्रीमियम: किसी भी हेल्थ इन्शुरन्स को लेते समय उसके प्रीमियम को भी ध्यान से समझने की कोशिश करें। प्रीमियम आपको मिलने वाले लाभ के अनुरूप ही कम या ज़्यादा होना चाहिए। सस्ते प्रीमियम के चक्कर में पड़कर ख़राब हेल्थ इन्शुरन्स को ना लें। बेहतर यही होता है कि प्रीमियम और इन्शुरन्स के कवरेज़ डिटेल को अच्छे से समझ लें तभी कोई क़दम बढ़ाएं।
हेल्थ इन्शुरन्स को प्रभावित करने वाले घटक
अक्सर लोगों को आश्चर्य होता है कि मेडिकल हेल्थ इन्शुरन्स प्रीमियम अलग-अलग कैसे हो सकता है? दरअसल, आपके प्रिमियम की राशि कई घटकों पर निर्भर होती है:
- उम्र - हेल्थ कंडीशन सभी के लिए समान नहीं होती है। वृद्ध लोगों की तुलना में जवान लोग कम बीमार पड़ते हैं और उनकी स्वास्थ्य समस्याएं भी कम होती हैं। इसके साथ ही उनके बीमार होने के चांसेस भी कम होती है। ऐसे में आपकी उम्र जितनी कम होगी आपके प्रीमियम की राशि भी उतनी ही कम होती है!
- लाइफस्टाइल - भारत मे 61% मौत सिर्फ़ लोगों की लाइफस्टाइल और प्रदूषण की वज़ह से होती है। ऐसे में आप किसी प्रकार का धूम्रपान या नशा इत्यादि करते हैं तो इससे भी आपके हेल्थ इन्शुरन्स के प्रीमियम की राशि प्रभावित होती है।
- पहले से ग्रसित बीमारी या कंडीशन - अगर आप पहले से ही किसी बीमारी से ग्रसित है या आपके परिवार में कोई वंशानुगत बीमारी होती आ रही हैं, तो भी आपके हेल्थ इन्शुरन्स के प्रीमियम की राशि बढ़ सकती है।
- स्थान - आप जिस जग़ह पर रह रहे हैं वहाँ के वातावरण से आपका स्वास्थ्य प्रभावित होता है। उदाहरण के तौर पर उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को फ़ेफ़डे से संबंधित बीमारी अधिक होती है क्योंकि वहाँ प्रदुषण अधिक है। इसलिए हेल्थ इन्शुरन्स प्रीमियम, स्थान के अनुसार भी कम या ज्यादा हो सकता है।
- ऐड-ऑन व कवर - अक्सर लोग हेल्थ इन्शुरन्स प्लान को अपनी माँग के अनुरूप निर्धारित करते हैं। जिसे की अगर आप अपने हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में मैटर्निटी और आयुष जैसे ऐड-ऑन को जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए आपको प्रीमियम की राशि भी अधिक देनी पड़ सकती है।
अपने हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के लिए सही बीमा राशि का चुनाव कैसे करें?
- आप जीवन के किस पड़ाव पर हैं?: आपके लाइफ स्टेज के अनुसार आपको कम या अधिक इन्शुरन्स राशि की जरूरत पड़ सकती है। जैसे कि यदि आप शादी करने वाले हैं या आप बच्चा प्लान कर रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में आपको अधिक राशि की इन्शुरन्स कराने की ज़रूरत पड़ सकती है।
- आश्रित लोगों की संख्या: अपने घर के सभी सदस्यों की हेल्थ इन्शुरन्स इन्शुरन्स कराना आपके लिए बेहतर होगा। ताकि आप भविष्य में होने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्या में आने वाले खर्चे से खुद को बचा सकें।
- स्वास्थ्य स्थिति: यदि घर मे कोई सदस्य गम्भीर बीमारी से जूझ रहा है, या आपके शहर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल सकती है, तो पहले से ही खुद के लिए अधिक राशि का हेल्थ इन्शुरन्स करवाकर रखें।
- जीवनशैली: अगर आप मेट्रो सिटीज में रह रहे हैं, काफ़ी भागदौड़ कर रहे हैं और काफी स्ट्रेस ले रहे हैं तो आपके बीमार होने के चांसेस भी ज्यादा है। ऐसे में आपको खुद के लिए बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान चुनकर रखना चाहिए।
हेल्थ इन्शुरन्स पालिसी ख़रीदने से पहले ये चीजें जरूर जान लें
हेल्थ इन्शुरन्स सम्बंधित भ्र्म
- हेल्थ इन्शुरन्स सिर्फ़ सीरियस बीमारी में ही काम आता है: अक्सर लोगों को ये गलतफहमी होती है कि हेल्थ इन्शुरन्स सिर्फ़ गंभीर बीमारी में ही आपको क्लेम देता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, हेल्थ इन्शुरन्स छोटी से छोटी बीमारी में आपकी मदद करता है। बच्चे की डिलीवरी से लेकर वर्षिक हेल्थ चेकअप तक, हर जग़ह हेल्थ इन्शुरन्स आपका ध्यान रखता है।
- “मुझे हेल्थ इन्शुरन्स की जरूरत नहीं है क्योंकि मैं अभी बहुत जवान हूँ”: ये धारणा भी लोगों में काफ़ी देखने को मिलती है। लेकिन बीमारी उम्र देखकर नहीं आती है। आज के समय में प्रदूषित जन-जीवन और अनियमित खान-पान की वज़ह से युवाओं में भी कैंसर और फेफड़े से संबंधित गम्भीर बिमारियां देखने को मिलती है। ऐसे में हेल्थ इन्शुरन्स की जरुरत हर किसी को है, चाहे वो किसी भी उम्र का हो!
- हेल्थ इन्शुरन्स कराने के प्रॉसेस में काफी समय लगता है: ये सिर्फ़ बात इस पर निर्भर करता है कि आप कौन सा हेल्थ इन्शुरन्स प्लान ले रहे हैं और किस कंपनी से हेल्थ इन्शुरन्स प्लान ले रहे हैं। वैसे अब आप ऑनलाइन माध्यम से बड़ी आसानी से बेहद कम समय मे खुद के लिए बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान ले सकते हैं।
- अगर आपके पास सेविंग्स है तो फिर आपको हेल्थ इन्शुरन्स कराने की कोई जरूरत नहीं है: हम भारतीय सच में बहुत आशावादी होते हैं! हम कितनी भी सेविंग कर के रखे लेकिन जब कोई इमरजेंसी आ पड़ती है तो बैंक अकाउंट खाली होने में समय नहीं लगता है। दूसरी तरफ़ हेल्थ इन्शुरन्स हमारे द्वारा किया गया एक इन्वेस्टमेंट है जो कि इन परिस्तिथियों में हमारे लिए बड़ी आर्थिक मदद ले कर खड़ा रहता है। हेल्थ इन्शुरन्स की मदद से हम इमरजेंसी के वक़्त पर बिना अपनी सेविंग्स को हाथ लगाए खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
हेल्थ इन्शुरन्स ख़रीदते समय ये गलतियाँ करने से बचें
- कम बीमा राशि वाले हेल्थ इन्शुरन्स लेने से बचें।
- पालिसी टर्म और शर्ते ना पढ़ना
- अपने प्लान को जरूरत के अनुरूप व्यवस्थित ना करना
- हेल्थ इन्शुरन्स देरी से लेना
बेहतर जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के लिए टिप्स
- हेल्दी फ़ूड खायें, अत्यधिक शक्कर और बाहरी चीजों को खानें से बचे।
- खूब पानी पियें, शरीर में पानी की कमीं न होने दें।
- रोजाना व्यायाम करें, कम से कम रोज टहलने के लिए जरूर जाएं।
- साल में एक बार शरीर की जाँच जरूर करवायें।
- रोज़ाना 7 घण्टे की नींद जरूर लें, इससे आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वास्थ्य रहेंगे।
हेल्थ इन्शुरन्स ख़रीदने की टिप्स
युवाओं के लिए हेल्थ इन्शुरन्स ख़रीदने की टिप्स
- जल्दी से खुद का हेल्थ इन्शुरन्स करवायें।
- 5-10 लाख तक का हेल्थ इन्शुरन्स आपके लिए पर्याप्त है।
- अपने हेल्थ इन्शुरन्स में क्रिटिकल बीमारी का भी कवर जरूर होना चाहिए।
- अगर आपकी शादी होने वाली है तो अपने हेल्थ इन्शुरन्स में मैटर्निटी कवर को भी जरूर रखें।
परिवार के लिए हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने की टिप्स
- घर के सभी सदस्यों को ध्यान में रखते हुए अधिक राशि का हेल्थ इन्शुरन्स लें।
- प्रत्येक सदस्य के लिए 10 लाख रुपये तक की इन्शुरन्स राशि जोड़कर हेल्थ इन्शुरन्स प्लान का चुनाव करें।
- यदि आपके पास फ्लोटर प्लान है, तो पुनःलाभ के साथ वाला प्लान ‘सम इंश्योर्ड रीफिल बेनेफिट’ चुनें।
- सभी लाभों को पाने की वेटिंग अवधि अवश्य जांच लें।
- अगर अपने माता-पिता के लिए हेल्थ इन्शुरन्स करवा रहें हैं तो उनकी साधारण सर्ज़री जैसे कि घुटने या जॉइंट्स की सर्ज़री, पथरी का ऑपरेशन आदि का जरूर ध्यान रखें। उसी के अनुरूप हेल्थ इन्शुरन्स प्लान करें।
सीनियर लोगों के लिए हेल्थ इन्शुरन्स ख़रीदने का टिप्स
- उम्र के साथ ही इन्शुरन्स के प्रीमियम की राशि बढ़ती जाती है। अगर आपके पास पहले से ही हेल्थ इन्शुरन्स प्लान है तो आप टॉप-अप प्लान की मदद से इन्शुरन्स की राशि बढ़ा सकते हैं।
- हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी का कितने हॉस्पिटल के साथ टाईअप है व कितनी सेवाओं का लाभ वहाँ आपको मिल सकता है, इस पर जरूर ध्यान दें।
- अपने प्लान में ध्यान दें कि उसमें घुटने की सर्ज़री और ट्रांसप्लांट जैसे साधारण बीमारियों के लिए कोई कवर अप प्लान है या नहीं!
- दिए जा रहे लाभों की सब-लिमिट पता करें।
- भिन्न-भिन्न पुराने रोगों के लिए निर्धारित वेटिंग अवधि अवश्य जांच लें।
भारत में हेल्थ इन्शुरन्स को लेकर अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल एवं उनके जवाब
क्या विशेषताएँ डिजिट हेल्थ इन्शुरन्स को बाकियों से अलग बनाती हैं?
ऑनलाइन और डिजिटल-फ्रेंडली होने के साथ ही डिजिट आपको खुद की सुविधा के अनुसार हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स कस्टमाइज करने का अधिकार देता है। इसके साथ ही, वार्षिक स्वास्थ्य जाँच, डेली हॉस्पिटल कैश अलाउंस, हॉस्पिटल कमरे के चयन की सुविधा व मनोचिकित्सीय सुविधाएं जैसे अनेकों लाभ भी आपको देता है। हमारे प्लानों के कारण आपकी व आपके परिवार की चिकित्सा की गुणवत्ता अच्छी रहती है, इसीलिए ग्राहक डिजिट की स्कीमों को बेस्ट हेल्थ इन्शुरन्स प्लान मानते हैं।
डिजिट के पास कितने प्रकार के और कौन-कौन से हेल्थ इन्शुरन्स उपलब्ध हैं?
हमारे पास मुख्यतः तीन प्रकार के हेल्थ इन्शुरन्स ऑप्शन मौजूद हैं, जैसे कि फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स, इंडिविजुअल हेल्थ इन्शुरन्स और सीनियर सिटीजन हेल्थ इन्शुरन्स। इन्हें ही आगे आप अपनी आवश्यकता के अनुरूप कई तरह से कस्टमाइज कर सकते हैं।
क्या मुझे पहले से ही हुई बीमारी के लिए भी हेल्थ इन्शुरन्स का लाभ मिलेगा?
ये आपके रोग के प्रकार और स्थिति पर निर्भर करता है। डिजिट के द्वारा दी जाने वाली हेल्थ इन्शुरन्स में पहले से ही मौजूद गम्भीर बीमारियों जैसे कि कैंसर, एचआईवी, थैलासीमिया, न्यूरोपैथी, डाउन सिंड्रोम, अल्झाइमर, लिवर या किडनी की बीमारियों, पार्किंसन रोग, आदि के लिए कोई कवर नहीं दिया जाता है।
हेल्थ इन्शुरन्स क्लेम करने के लिए हमें कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स लाने होंगे?
ये आपके क्लेम लेने के तरीके पर निर्भर करता है। अगर आप कैशलेश क्लेम चाहते हैं तो आपको बस हॉस्पिटल टीपी द्वारा दिये जाने वाले फॉर्म को भर कर जमा करना होगा। वहीं अगर आप पैसे का भुगतान चाहते हैं तो आपको इलाज की सारी रसीदें अपलोड करनी होगी या हैल्थ इनवॉइस सबमिट करने होंगे।
इमरजेंसी की हालत में हॉस्पिटल पहुँचने पर हमें किसको कॉल करना होगा?
हम आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार खड़े हैं। आप बस 1800-258-4242 पर कॉल कीजिये तुरन्त आपकी सेवा के लिए हम तत्पर हो जायेंगे।
क्या मैं बिना नेटवर्क वाले हॉस्पिटल में एडमिट हो सकता हूँ?
हाँ, बिल्कुल! ऐसे हॉस्पिटल के लिए हम आपको खर्चे की राशि का भुगतान रसीद के माध्यम से कर देंगे। हालाँकि, जिन हॉस्पिटल के साथ हमारा टाईअप हैं वहाँ हम कैशलेश क्लेम की सुविधा भी देते हैं।
कैशलेश क्लेम क्या है?
जैसा ही नाम से ही समझ आता है - जब आपको हॉस्पिटल में उपचार के लिए खुद की जेब से पैसे नहीं देने पड़ते हैं, बल्कि हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी द्वारा सारा बिल भर दिया जाता है, उसे कैशलेश क्लेम कहते हैं। हालाँकि ये सुविधा सिर्फ हमारे साथ टाईअप वाले हॉस्पिटल में ही उप्लब्ध है।
पुरानी बीमारी का क्या मतलब है?
हेल्थ इन्शुरन्स लेने से पहले ही अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो इसे पुरानी बीमारी/रोग कहा जाता है। इसके कारण हेल्थ इन्शुरन्स कवर और प्रीमियम में अंतर आ सकता है। अधिक जानकारी के लिए प्री-एक्सिस्टिंग डिजीज कवर के बारे में पढ़ें।
वेटिंग पीरियड क्या होता है?
आपके हेल्थ पालिसी के शुरू होने से लेकर किसी भी लाभ को पाने के लिए सक्षम होने के बीच के समय को वेटिंग पीरियड कहा जाता है। उदाहरण - कोई भी इन्शुरन्स पालिसी लेने के बाद कम से कम 30 दिन के बाद ही आप गंभीर बीमारियों के लिए कवर पाने के योग्य होते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि गंभीर बीमारियों के लिए कवर के लिए वेटिंग पीरियड 30 दिन है।
फैमिली फ्लोटर प्लान क्या है?
ये फैमिली हेल्थ इन्शुरन्स प्लान का एक प्रकार है, जिसमें एक ही बीमा राशि से पूरे परिवार के सदस्यों को कवर किया जाता है।
क्रिटिकल इलनेस के लिए कवर का क्या अर्थ है?
इसका तात्पर्य है कि यदि आपको कोई गंभीर बीमारी जैसे कि कैंसर आदि हो जाती है तो ऐसे समय में हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी आपका खर्च उठाती है। इस खर्च में उपचार पर व्यय होने वाला पैसा, फिजिशियन का शुल्क, आईसीयू और दवा का खर्च आदि शामिल हो सकते हैं। गंभीर बीमारियों के लिए कवर आपके हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में सम्मिलित हो सकता है या आपके द्वारा इसे ऐड-ऑन कि तरह अपने प्लान में जुड़वाँ सकते हैं। गंभीर बीमारियों के लिए कवर के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
हेल्थ इन्शुरन्स खरीदने के लिए सबसे बेहतर उम्र कौन सी है?
इसका उत्तर बिल्कुल आसान है। हेल्थ इन्शुरन्स आपको कम उम्र में ही करवा लेना चाहिए। आप जितने युवा होंगे, आपकी शुरुआती और आगे का प्रीमियम उतना ही कम होगा। साथ ही, युवा होने के कारण आप हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स के वेटिंग पीरियड के वर्षों को आसानी से पार कर लेंगे। तो ये दो मुख्य कारण हैं जो कि सुनिश्चित करते हैं कि हेल्थ इन्शुरन्स जल्द-से-जल्द कराना बहुत लाभकारी रहता है। तो अब अपने बूढ़े होने का इंतजार कतई न करें।
दूसरी बात यह है कि बीमारियाँ और दुर्घटनायें कभी उम्र देखकर नहीं आती हैं और ना ही यह सिर्फ वृद्ध लोगों के लिए हैं, जवान लोग भी इनकी चपेट में आसानी से आ जाते हैं।
युवा होने के कारण आप आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं होते हैं, तो ऐसे समय में हेल्थ इन्शुरन्स प्लान्स न होने पर हॉस्पिटल व दवाओं के भारी खर्च उठाना बहुत कठिन सिद्ध हो सकता है।